19Apr
विधान को चुनना ज़ुबान को नहीं
संविधान को चुनना अज्ञान को नहीं
किसान को चुनना निशान को नहीं
जवान को चुनना सुल्तान को नहीं
ईमान को चुनना बेईमान को नहीं
मुस्कुान को चुनना गुमान को नहीं
मकान को चुनना मसान को नहीं
इंसान को चुनना शैतान को नहीं
याद रहे ना हिंदू को ख़तरा है
ना मुसलमान को ख़तरा है
ख़तरे में भारत है !
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19Apr
समझता है कि अपनी तेज बहती धार से या लहरों के वार से
डुबो देगा हमारे हौंसलों की कश्तियाँ तो ये फितूर है पानी का
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दर्द छुपाते छुपाते,
दर्द में जीने की आदत हो गई !
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
सबका धन्यवाद !
चेहरे पर चेहरा लगाना पड़ता हैं,
मैं ठीक हूं ये कहकर मुस्कुराना पड़ता हैं !